PCPNDT एक्ट मुखबिर योजना: प्रोत्साहन राशि ढाई लाख से बढ़ाकर अब 3 लाख की


बाड़मेर:- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर योजना को अधिक प्रभावी बनाते हुये प्रोत्साहन राशि को ढाई लाख से बढ़ाकर अब तीन लाख रुपये कर दिया गया है। प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोड़ा ने योजना के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिये गये। यह दिशा-निर्देश वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रभावी होंगे। प्रदेश में भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम हेतु पीसीपीएनडीटी अधिनियम का गंभीरता से पालन करवाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में मुखबिर योजना के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण संबंधी प्राप्त सूचना पर 3 किश्तों में ढाई लाख रुपये तक की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती थी। लेकिन अब इसे और व्यवहारिक और आकर्षक बनाते हुये सफल डिकाय ऑपरेशन पर मुखबिर, डिकाय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को दो किश्तों में कुल तीन लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जायेगा।  योजना में निर्धारित ढाई लाख की राशि की पहली किश्त सफल डिकाय होने पर दूसरी न्यायालय में परिवाद दर्ज होने एवं तीसरी किश्त फैसला आने पर दी जाती थी। अब मुखबिर डिकाय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को पहली किश्त सफल डिकाय होने एवं दूसरी किश्त न्यायालय में अभियोजन पक्ष के समर्थन में बयान के बाद दी जायेगी।

गर्भवती महिला को अब दो किश्तों में डेढ़ लाख रुपये


नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं सीएमएचओ डॉ बी एल विश्नोई   ने बताया कि  नवीन मुखबिर योजना के क्रियान्वयन से आमजन का भ्रूण लिंग परीक्षण रोकथाम में और अधिक सहयोग मिलेगा। उन्होंने आमजन से भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम में सहयोग करने एवं इसकी शिकायत टोल फ्री नम्बर 104 व 108 एवं वाट्सएप नम्बर 9799997795 पर देने की अपील की है। जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक अजय कल्याण ने बताया कि डीकॉय ऑपरेशन में गर्भवती महिला की अहम भूमिका गर्भस्थ शिशु की जोखिम एवं गर्भवती महिला को परेशानी को ध्यान में रखते हुए गर्भवती महिला की राशि में बढ़ोतरी की गयी है। पहले गर्भवती महिला को तीन किश्तों में कुल एक लाख रुपये की राशि दी जाती थी। अब उसे दो किश्तों में कुल डेढ़ लाख रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी। साथ ही पूर्व में मुखबिर को तीन किश्तों में 33 हजार 250 प्रति किश्त सहयोगी को 16 हजार 625 रुपये प्रति किश्त मिलते थे। लेकिन अब मुखबिर को दो किश्तों में 50-50 हजार रुपये एवं सहयोगी को 25-25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।


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